Monday, January 2, 2012

UPTET : Rs. 87 Lakh scandal may lead to one More Controversy

UPTET : Rs. 87 Lakh scandal may lead to one More Controversy

सरकारी टीचर निकला मथुरा का अस्थाई शिक्षक

रतन मिश्रा सरकारी शिक्षक के पद पर तैनात होते हुई भी मथुरा के लॉ कालेज में पढ़ा रहा है। मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मच गया।
Two Jobs - One is Primary Teacher
Second - Law Teacher in Mathura

सरकार की आंख में धूल झोंककर वह दूसरे स्थान पर नौकरी कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है

कभी पढ़ाते नहीं देखा गया
बाह। मालौनी में विनय सिंह सिकरवार व नगला बृज में रतन मिश्रा की नियुक्ति की जानकारी अब तक गांव वालों को भी नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने भी दोनों को कभी गांव में पढ़ाते नहीं देखा। इसके बाद भी दोनों को लगातार वेतन मिलता रहा। इससे साफ होता है कि विभाग में दोनों की अच्छी सांठगांठ है।बाह, जैतपुर के कई लोगों  फंस सकते है
News : Amar Ujala ( 2.1.12)
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बाह/आगरा। टीईटी में पैसे लेकर नंबर बढ़वाने के खेल में फंसे आरोपियों में से एक मथुरा के लॉ कालेज में अस्थायी शिक्षक के तौर पर काम करने वाला रतन मिश्रा शातिर निकला।वह फर्जीवाडे़ के साथ-साथ सरकार को भी चपत लगा रहा था। जानकारी पर जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला है। रतन मिश्रा सरकारी शिक्षक के पद पर तैनात होते हुई भी मथुरा के लॉ कालेज में पढ़ा रहा है। मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मच गया।
टीईटी में अच्छी मेरिट बनवाने के लिए छात्रों से मोटी रकम वसूल कर लखनऊ में पैसा देने जाते समय रमाबाई नगर में पकडे़ गए रतन कुमार मिश्रा पुत्र कैलाश चंद्र मिश्रा निवासी अलीगंज एटा ने पुलिस को बताया था कि वह मथुरा स्थित वृंदावन लॉ कालेज में अस्थाई शिक्षक के रूप में कार्यरत है। मगर, इसके आगे का सच यह है कि रतन मिश्रा जैतपुर ब्लाक के नगला बृज गांव के प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात हैं। सरकार की आंख में धूल झोंककर वह दूसरे स्थान पर नौकरी कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। वहीं कानपुर में पकडे़ गए पांच लोगों में से दो शिक्षकों के जैतपुर ब्लाक के सरकारी स्कूल में तैनात होने के साथ ही बाह क्षेत्र के टीईटी परीक्षा में गड़बड़झाले से तार जुड़ गए हैं।
कभी पढ़ाते नहीं देखा गया
बाह। मालौनी में विनय सिंह सिकरवार व नगला बृज में रतन मिश्रा की नियुक्ति की जानकारी अब तक गांव वालों को भी नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने भी दोनों को कभी गांव में पढ़ाते नहीं देखा। इसके बाद भी दोनों को लगातार वेतन मिलता रहा। इससे साफ होता है कि विभाग में दोनों की अच्छी सांठगांठ है।
बाह, जैतपुर के कई लोगों को फंसे हो सकते है
बाह। 87 लाख रुपए के साथ पकडे़ गए शातिरों में दो लोगों के बाह क्षेत्र से जुडे़ होने से दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ने बाह और जैतपुर क्षेत्र के कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाया होगा। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कौन-कौन इनके जाल में फंसा है।
News : Amar Ujala (2.1.12)

3 comments:

  1. UPTET2011.com par updated result aa gaya hai.
    (Updated on 02-Jan-2012)
    Kitno ke number bade, Naye saal ka tohfa mila kee nahin.

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  2. खुशखबरी: नए साल में मिलेंगी पांच लाख से ज्यादा नौकरियां -
    नई दिल्ली। नौकरी तलाश रहे लोगों के लिए नया साल अच्छा साबित होने की उम्मीद है। तकरीबन पांच लाख नौकरियां उनका इंतजार कर रही हैं। जो पहले से नौकरी पर हैं, उन्हें भी अच्छी वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि 2012 में तमाम आर्थिक परिदृश्य के बावजूद कंपनियां पांच लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी पर रखेंगी।



    ग्लोबल हंट के डायरेक्टर सुनील गोयल का कहना है, ‘अगर सब कुछ ठीक रहा और सरकार की नीतियां सही दिशा में चलती रहीं, तो सभी सेक्टर में करीब पांच लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।



    साल 2011 की तुलना में यह साल बेहतर रहेगा।’ आउटसोर्सिंग फर्म एलिक्सिर कंसल्टिंग की वाइस प्रेसीडेंट मोनिका त्रिपाठी के अनुसार, ‘अकेले आईटी सेक्टर में 2012 में तीन लाख के करीब नई नौकरियां मिलेंगी। साल 2011 की तुलना में इस साल 7 से 8 फीसदी ज्यादा नौकरियां मिलने की उम्मीद है।’



    ॥सभी उद्योग क्षेत्रों में प्रतिभाओं की भारी मांग है। रिटेल, बीएफएसआई, एफएमसीजी, होटल और हॉस्पिटेलिटी वे क्षेत्र हैं जहां नौकरियों के लिहाज से तेजी से सुधार दिखने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स एक नया क्षेत्र है जो निराशा के माहौल से बचाने में मदद करेगा।’
    Bhkar News

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  3. समस्त देश के सरकारी विभागों की अटेंडेंस सिस्टम को किसी और संस्था के हाथ में भी होना चाहिए
    देश के ज्यादातर विभागों में लोग , सभी वर्ग के अधिकारी पूरा समय नहीं देते
    और जनता के पैसे पर कोई जवाब देही नहीं होती
    कागजे खाना पूर्ती कर अटेंडेंस भरना इतुयादी को रोकने के लिए अटेंडेंस सिस्टम को किसी और संस्था के हाथ में भी होना चाहिए

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