Friday, November 2, 2012

UPTET : बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक



UPTET : बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है। विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी


News Source : Jagran (2.11.12)
*****************************************
Recruitment matter may be delayed for some more time.

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.