Friday, June 21, 2013

Uttrakhand Kedarnath Disaster उत्तराखंड में तबाही


Uttrakhand Kedarnath Disaster उत्तराखंड में तबाही


News
हेमकुंड में 50 यात्री बह गए: हेमकुंड साहिब में तबाही का मंजर क्या था यह वहां से लौटे एक यात्री सुखप्रीत ने मीडिया को बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने 200 से ज्यादा मोटरसाइकलों को नदी में समाते देखा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बच्चों समेत करीब 50 यात्री नदी में गिरे हैं

पति के शव के साथ गुजारे दो दिन: सबसे दर्दनाक दास्तां सहारनपुर निवासी सविता नागपाल की है। सविता अपने पति सुरेंद्र नागपाल के साथ बद्रीनाथ यात्रा पर गई थीं। सोमवार रात अचानक होटेल में पानी घुसने के बाद यह बुजुर्ग दंपती ठौर की तलाश में सड़क पर आ गया। मलबे की चपेट में आकर पति सुरेंद्र नागपाल की मौत हो गई। सविता दो दिन तक अपने पति के शव के पास रोती-बिलखती रहीं। तीसरे दिन बेटे मुकेश के पहुंचने पर पति का अंतिम सस्कार किया जा सका। मुकेश को देहरादून में ही पिता के मरने की खबर मिल गई थी। वह मीडिया के सामने बद्रीनाथ जाने की गुहार लगाते देखे गए थे। बाद में वह किसी तरह वहां पहुंचे





Some People said this story : -
Kya Aap Isko Prakritik Aapda Manenge Ya Deveey Aapda

Ham logo ko Science / Nature ki Power Samjhnee Chahiye. Positive Powers Ke Liye Bhagwaan Mein Aastha Banaye Rakhen Par nakratmak VichaarDhara na Rakhen

Vishvash Karen Ki Bhagwaan Achhe Karya Karte Hain.

I got this story from internet -
केदारनाथ में तबाही के पीछे एक सामान्य प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि धारी देवी का अभिशाप है -

श्री केदारनाथ में तबाही का कारण
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एक पहाड़ी बुजुर्ग से गहरी और लंबी बातचीत के आधार पर निष्कर्ष ये निकला कि ये प्रत्यक्ष देवी विपदा है.
यहाँ पर देवी विपदा से मेरा वो मतलब नहीं जैसा कि सरकार समझती है या आमतौरपर समझा जाता है.
ये प्रत्यक्ष देवी का प्रकोप है. यो लोग पहाड के निवासी है वो ये बात जानते है कि पहाड के देवी देवता कितने जल्दी रुष्ट होते है.
जिस दिन ये देवी आपदा हुई , मतलब शनिवार की शाम को, उसी दिन शाम को "धारी देवी" के मंदिर को विस्तापित किया गया था. लगभग शाम को ६ बजे और केदारनाथ में जो भरी तबाही हुई वो भी लगभग ८ बजे शुरू हुई. मौसम विभाग के अनुसार जहा जून के मानसून में 70mm बारिश का अनुमान होता है परन्तु वहा 300mm बारिश हुई. वो भी सिर्फ ३० घंटो में.
माँ धारी देवी बड़ी प्रत्यक्ष शक्ति हैउस क्षेत्र की. वो दिन में 3 बार अपना रूप बदलती है. वहां के निवासी ये सब जानते है. किन्तु कांग्रेस सरकार वह पर एक बाँध बना रही है जिससे मंदिर को uplift करने की जरुरत थी. स्थानीय लोग दो गुटो में बाते हुए थे. एक मंदिर को हटाना चाहता था और एक गुट नहीं.
पर सरकार ने मंदिर की मूर्ति को विस्थापित कर ही दिया. जिसका परिणाम आपके सामने है.
मेरा मानना है कि यदि ऐसी स्थिति किसीमस्जिद या माजर को लेकर होती टो सारकार कोई दूसरा रास्ता खोजती.
जैसा दिल्ली में सुभाष मेट्रो station के पास किया.
मित्रों हम माँ धारी देवी से क्षमाप्रार्थना करते है कि वो हम सबकोक्षमा करे व सरकार को अकल दे.
जय माता जी 

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